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Posted on 03/09/2025
रीसायकल एनर्जी, संरक्षण एवं ज़ीरो वेस्ट भविष्य पर आधारित कार्यशाला का तीसरा दिन उत्साहपूर्वक संपन्न
राजकीय महाविद्यालय, फतेहाबाद में छात्रों ने लिया हरित भविष्य का संकल्प
राजकीय महाविद्यालय, फतेहाबाद में आयोजित सप्ताहव्यापी कार्यशाला "रीसायकल एनर्जी, संरक्षण एवं ज़ीरो वेस्ट भविष्य" के तीसरे दिन का आयोजन बुधवार को अत्यंत उत्साह, जागरूकता और रचनात्मकता से परिपूर्ण रहा। इस अवसर पर जिले व आसपास के 100 से अधिक महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी करते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस संकल्प लिया।
दिन की शुरुआत एक प्रेरणादायक व्याख्यान सत्र से हुई, जिसमें प्रसिद्ध पर्यावरणविद् श्री हरनाम सिंह बिश्नोई ने छात्रों को प्रकृति के पंचतत्वों — पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश — के संतुलन और संरक्षण के महत्व से परिचित कराया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि “अब समय केवल नारे लगाने का नहीं, बल्कि उन्हें जीवन में उतारने का है। हमें ‘पौधे लगाएंगे’, ‘पानी बचाएंगे’ जैसे वाक्यों से आगे बढ़ते हुए इन कार्यों को अपनी आदत बनाना होगा।” उन्होंने पर्यावरण के 4R सिद्धांत — Reduce, Reuse, Recycle और Refuse — की विस्तारपूर्वक व्याख्या करते हुए विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की शपथ भी दिलाई।
दोपहर के सत्र में महाविद्यालय परिसर रचनात्मक ऊर्जा से भर उठा जब अंतरमहाविद्यालयी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। श्रीमती ललिता रानी और श्रीमती सीमा रानी के निर्देशन में पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन, भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन और चित्रकला जैसी गतिविधियाँ आयोजित की गईं। छात्रों ने अपने विचारों को रंगों, शब्दों और कल्पनाओं के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इन प्रस्तुतियों ने न केवल प्रतिभागियों बल्कि दर्शकों को भी गहराई से प्रभावित किया।
कार्यशाला का अंतिम सत्र विशेष रूप से व्यावहारिक प्रशिक्षण को समर्पित था, जिसमें श्रीमती उदिश द्वारा विद्यार्थियों को प्लास्टिक अपशिष्ट जैसे बोतलों से सजावटी एवं उपयोगी वस्तुएं बनाना सिखाया गया। इस अभिनव गतिविधि में छात्रों ने पेन स्टैंड, छोटे गमले, पेंटिंग्स आदि बनाकर यह सिद्ध किया कि कचरा भी रचनात्मक संसाधन बन सकता है, यदि दृष्टिकोण सकारात्मक हो।
कार्यक्रम के समापन पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जयभगवान यादव ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि “पर्यावरण केवल चर्चा का विषय नहीं, जीवन जीने की शैली है। विद्यार्थियों में जब तक जिम्मेदारी की भावना नहीं होगी, तब तक कोई स्थायी बदलाव संभव नहीं। ऐसे आयोजन छात्रों को संवेदनशील और जागरूक नागरिक बनाने की दिशा में प्रभावी कदम हैं।”
इस अवसर पर डॉ. कपिल देव, डॉ. पवन कुमार, डॉ. स्वाति, डॉ. दिनेश, डॉ. रविंद्र, श्री अमित, श्री पवन कुमार और श्री संदीप सहित अनेक शिक्षकगण, पर्यावरण प्रेमी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
तीसरे दिन की गतिविधियों ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि युवा पीढ़ी ठान ले तो ‘शून्य कचरा भविष्य’ केवल एक कल्पना नहीं, बल्कि एक यथार्थ बन सकता है। कार्यशाला अब केवल एक शैक्षणिक आयोजन नहीं, बल्कि हरित परिवर्तन की ओर बढ़ता हुआ कदम बनती जा रही है।
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