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Day Long Bazaar


Posted on 18/09/2025

फ़तेहाबाद, 18 सितम्बर। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस (17 सितम्बर) के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय फ़तेहाबाद में गुरुवार को एक अनूठे और प्रेरणादायी कार्यक्रम “डे लॉन्ग बाज़ार” का आयोजन किया गया, जो दिनभर चर्चा का विषय बना रहा और जिसमें विद्यार्थियों ने अनुपयोगी समझी जाने वाली वस्तुओं से बने अद्भुत प्रतिरूप प्रस्तुत कर यह साबित कर दिया कि कचरा यदि सही सोच और रचनात्मकता का स्पर्श पाए तो संसाधन में बदल सकता है। इस आयोजन की शुरुआत पौधारोपण से हुई, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पहुँचे एस डी एम श्री राजेश कुमार, गेस्ट ऑफ ऑनर जिला परिषद सी ई ओ श्री सुरेश कुमार, जिला उच्चतर शिक्षा अधिकारी डॉ. विवेक कुमार सैनी और जिला शिक्षा अधिकारी संगीता बिश्नोई ने संयुक्त रूप से भाग लिया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए कहा कि छोटे-छोटे प्रयास ही मिलकर बड़े परिवर्तन की नींव रखते हैं। पौधारोपण के इस प्रतीकात्मक कार्य ने पूरे कार्यक्रम को हरियाली और जिम्मेदारी का संदेश प्रदान किया। इस अवसर पर जिले के विभिन्न राजकीय व गैर-राजकीय विद्यालयों, आईटीआई भोड़िया खेड़ा, जवाहर नवोदय विद्यालय खाराखेड़ी और आसपास के अनेक विद्यालयों से छात्र-छात्राएँ शामिल हुए और अपने बनाए नवाचारी प्रतिरूप प्रस्तुत किए। महाविद्यालय परिसर में लगाए गए विभिन्न स्टॉल्स पर विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित प्रतिरूप देखकर दर्शक दंग रह गए क्योंकि ऐसे विचार और कलात्मकता विरले ही देखने को मिलते हैं। बच्चों ने घरों से अनुपयोगी समझकर फेंक दी जाने वाली वस्तुओं को एक नया जीवन दिया। पुरानी प्लास्टिक बोतलों से बनाए गए पेन-स्टैंड, लैम्प और गमलों को देखकर हर कोई यह सोचने पर विवश हो गया कि रचनात्मकता किसी वस्तु को अनुपयोगी नहीं रहने देती। इसी तरह टिन के डिब्बों से बनाए शोपीस और स्टोरेज बॉक्स देखने में आकर्षक होने के साथ उपयोगी भी थे। पुराने और फटे कपड़ों तथा बचे-खुचे अख़बारों से तैयार किए गए थैले और टोकरियाँ न केवल प्लास्टिक के थैलों का विकल्प दिखाई दिए बल्कि प्लास्टिक मुक्त वातावरण के संदेश को भी बल मिला। विद्यार्थियों ने पुराने टायरों को आकार बदलकर और रंग-बिरंगे रंगों से सजाकर दर्शकों को चकित कर दिया क्योंकि उनसे आकर्षक कुर्सियाँ और गार्डन डेकोर तैयार किए गए थे। वहीं सीडी और इलेक्ट्रॉनिक कचरे से बनी दीवार सजावट और कलात्मक प्रतिरूपों को विशेष सराहना मिली क्योंकि इनसे यह संदेश गया कि तकनीकी युग में उत्पन्न होने वाला इलेक्ट्रॉनिक कचरा भी यदि सोच और कला का सही प्रयोग पाए तो सुंदर कलाकृतियों का रूप ले सकता है। कार्यक्रम में बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था। हर स्टॉल पर विद्यार्थी गर्व के साथ अपने प्रतिरूप का परिचय देते और यह बताते कि उन्होंने किन वस्तुओं का उपयोग कर यह बनाया तथा उसका पर्यावरणीय महत्व क्या है। दर्शकों से संवाद करते समय बच्चे आत्मविश्वास से भरे दिखाई दिए और यह साबित करते नजर आए कि आज की पीढ़ी न केवल तकनीकी और शैक्षणिक क्षमता रखती है बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए उन्हें निभाने के लिए भी तत्पर है। प्रदर्शनी में केवल प्रतिरूप ही नहीं बल्कि विचार और संदेश भी प्रस्तुत किए गए। इस प्रदर्शनी में जवाहर नवोदय विद्यालय खाराखेड़ी ने प्रथम स्थान, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल मताना ने द्वितीय स्थान, और राजकीय महिला महाविद्यालय भोड़िया खेड़ा ने तृतीय स्थान हासिल किया। दिनभर महाविद्यालय का परिसर चहल-पहल और उत्साह से गूंजता रहा। विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों से आए प्रतिभागी बच्चों के साथ-साथ बड़ी संख्या में अभिभावक, स्थानीय नागरिक और शिक्षक प्रदर्शनी को देखने पहुँचे। दर्शकों ने बच्चों की कला और कल्पनाशक्ति की सराहना की। कई अभिभावकों ने कहा कि वे यह देखकर अचंभित हैं कि जिन वस्तुओं को वे अब तक बेकार मानकर फेंकते थे, उनसे ऐसी सुंदर और उपयोगी रचनाएँ संभव हो सकती हैं। दर्शकों का मानना था कि इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी और संसाधनों के सही उपयोग की समझ विकसित करते हैं। शिक्षकों का कहना था कि यह आयोजन शिक्षा को केवल पुस्तकों तक सीमित न रखकर अनुभवात्मक बनाने का एक अनोखा प्रयास है, जिसमें सीखना और सिखाना दोनों समानांतर रूप से घटित होते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जयभगवान यादव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उनकी प्रतिभा और प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज का “डे लॉन्ग बाज़ार” हमें यह सिखाता है कि विद्यार्थी केवल पढ़ाई में ही उन्नति नहीं कर रहे, बल्कि समाज और पर्यावरण की जिम्मेदारियों को निभाने में भी अग्रणी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पुनर्चक्रण अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है और यदि नई पीढ़ी इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर ले तो स्वच्छ और हरित भविष्य का निर्माण निश्चित हो जाएगा। प्राचार्य ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन उनमें आत्मविश्वास, रचनात्मकता और सामाजिक दायित्व को मजबूती देते हैं। मुख्य अतिथि एसडीएम श्री राजेश कुमार ने कहा कि आज की पीढ़ी में नवाचार की क्षमता और सामाजिक जिम्मेदारी का भाव देखना गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि यदि हम सब कचरे को संसाधन समझकर उसका सदुपयोग करना सीख लें तो पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ भारत का सपना अपने आप साकार हो जाएगा। गेस्ट ऑफ ऑनर डीएचईओ डॉ. विवेक कुमार सैनी ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक अर्थ यही है कि वह बच्चों में जिम्मेदारी और सकारात्मक सोच विकसित करे। उन्होंने बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन ही ज्ञान को व्यवहारिक बनाते हैं। वहीं जिला परिषद सी ई ओ श्री सुरेश कुमार ने बच्चों की सराहना करते हुए कहा कि इन गतिविधियों से यह प्रमाण मिलता है कि पर्यावरण की रक्षा केवल बड़े संसाधनों से नहीं बल्कि सही सोच और दृष्टिकोण से की जा सकती है। इस आयोजन की सफलता के पीछे महाविद्यालय की आयोजन समिति और संकाय सदस्यों का अभूतपूर्व सहयोग रहा। समिति के सदस्य डॉ. कपिल, डॉ. पवन, डॉ. रविंद्र, डॉ. दिनेश, डॉ. स्वाति, डॉ. विष्णु राम, संदीप, पवन, हिमांशु और अमरपाती ने अपने प्रयासों से सुनिश्चित किया कि कार्यक्रम का संचालन निर्बाध और सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हो। उन्होंने प्रतिभागियों को निरंतर मार्गदर्शन दिया और कार्यक्रम को एक सुचारु मंच प्रदान किया। आयोजन समिति का मानना था कि इस प्रकार के कार्यक्रम केवल प्रतियोगिता नहीं होते बल्कि यह सीखने और समाज को संदेश देने का ज़रिया बनते हैं। “डे लॉन्ग बाज़ार” का महत्व केवल एक प्रदर्शनी तक सीमित नहीं रहा बल्कि इसने शैक्षणिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से विद्यार्थियों को प्रेरित किया। इस कार्यक्रम ने बच्चों में टीम भावना, आत्म-अभिव्यक्ति और नेतृत्व क्षमता का विकास किया। छात्रों को न केवल यह सीखने का अवसर मिला कि अनुपयोगी वस्तुओं का बेहतर उपयोग कैसे किया जाए बल्कि यह भी समझ में आया कि व्यक्तिगत प्रयास समाज और राष्ट्र के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में कितना महत्वपूर्ण है। इस आयोजन का केंद्रीय संदेश यही था कि स्वच्छ भारत अभियान तभी सफल होगा जब प्रत्येक नागरिक अपने घर और जीवन में पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग की आदत डाले। छोटे-छोटे कदम ही मिलकर बड़े परिवर्तन का कारण बनते हैं और यही जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति को उठानी होगी। पूरे आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि यदि बच्चों को सही मंच और दिशा दी जाए तो वे समाज को नई राह दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। विद्यार्थियों ने अपने प्रतिरूपों और नारों से समाज को यह शिक्षा दी कि कचरे को बोझ नहीं बल्कि संसाधन मानकर देखें और उसका सदुपयोग करें। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी अभियानों से नहीं बल्कि व्यक्तिगत और सामूहिक जिम्मेदारी से संभव है। निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि राजकीय महाविद्यालय फ़तेहाबाद का यह “डे लॉन्ग बाज़ार” न केवल विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रतिभा का मंच बना बल्कि इसने पूरे समाज को पुनर्चक्रण और स्वच्छता का ऐसा संदेश दिया, जो लंबे समय तक स्मरण रहेगा। प्रदर्शनी से यह स्पष्ट हो गया कि यदि हर घर में यह सोच विकसित हो जाए कि कचरा बोझ नहीं बल्कि संसाधन है, तो समाज को स्वच्छ और हरित दिशा में बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता। कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि जब युवा पीढ़ी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में गंभीरता से आगे आती है, तो एक स्वच्छ, हरित और टिकाऊ समाज का निर्माण पूरी तरह संभव है और यह आयोजन अपने आप में इस दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुआ ।