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Workshop 2nd Day
Posted on 02/09/2025
प्लास्टिक बोतलों में पनपी हरियाली और कला की नई सोच
राजकीय महाविद्यालय, फतेहाबाद में निदेशालय उच्चतर शिक्षा, हरियाणा के सौजन्य से आयोजित पाँच दिवसीय अंतर-महाविद्यालय कार्यशाला के दूसरे दिन का आयोजन बड़े उत्साह और ऊर्जा के साथ संपन्न हुआ। कार्यशाला की शुरुआत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जय भगवान यादव के प्रेरणादायक उद्बोधन से हुई, जिसमें उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए युवाओं को इसमें सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी के पास वह सामर्थ्य और दृष्टि है जिससे समाज को ‘शून्य अपशिष्ट सतत भविष्य’ की दिशा में अग्रसर किया जा सकता है।
आज के दिन का प्रमुख विषय "अपशिष्ट प्लास्टिक बोतलों से उपयोगी एवं रचनात्मक वस्तुएं बनाना" रहा। इस गतिविधि के माध्यम से प्रतिभागियों को यह सिखाया गया कि किस प्रकार हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं को रचनात्मकता और नवाचार के साथ पुनः उपयोग में ला सकते हैं। इस व्यावहारिक सत्र का संचालन प्रशिक्षिका श्रीमती ललिता और श्रीमती सीमा ने किया। दोनों प्रशिक्षिकाओं ने विद्यार्थियों को प्लास्टिक बोतलों से सजावटी वस्तुएँ, पौधों के गमले, पेन स्टैंड, वॉल हैंगिंग, और अन्य उपयोगी सामग्री बनाना सिखाया। सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने न केवल सीखा बल्कि अपनी कल्पनाशक्ति का भी सुंदर प्रदर्शन किया।
दोपहर के सत्र में प्रशिक्षक श्री उदीश कुमार ने कार्यशाला को आगे बढ़ाया। उन्होंने प्रतिभागियों को 'वेस्ट टू वेल्थ' की अवधारणा को व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि कैसे थोड़े से प्रयास और रचनात्मक सोच के माध्यम से हम अपने घर के कचरे को उपयोगी वस्तुओं में परिवर्तित कर सकते हैं। उन्होंने विभिन्न प्रकार की तकनीकों का प्रदर्शन किया और प्रतिभागियों को स्वयं अभ्यास करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस सफल आयोजन के पीछे कार्यशाला की संचालन टीम की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। आयोजन समिति में डॉ. कपिल देव और श्री पवन कुमार ने आयोजन सचिव के रूप में व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संभाला। डॉ. स्वाति ने समन्वयक के रूप में प्रतिभागियों और प्रशिक्षकों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित किया। श्री दिनेश कुमार, श्री पवन (एल.ए.) एवं श्री संदीप (लिपिक) ने मंच के पीछे कार्य करते हुए पूरे आयोजन को व्यवस्थित और सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
आज का दिन न केवल शैक्षणिक रूप से लाभकारी रहा, बल्कि विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक अनुभव भी बना। कार्यशाला के माध्यम से छात्रों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता, नवाचार, और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना का विकास किया जा रहा है।
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